Shri Ramayan Manka – Part 3
चख चख कर फल शबरी लाई,प्रेम सहित खाये रघुराई |ऎसे मीठे नहीं हैं आम,पतितपावन सीताराम | |51 | | विप्र रुप धरि हनुमत आए,चरण कमल में शीश नवाये |कन्धे पर बैठाये राम,पतितपावन सीताराम | |52 | | सुग्रीव से करी मिताई,अपनी सारी कथा सुनाई |बाली पहुंचाया निज धाम,पतितपावन सीताराम | |53 | | सिंहासन सुग्रीव …